The Aim of Blog (ब्लाग का उद्द्येश)
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इस ब्लाग मे लिखित विषय ज्ञानवृद्ध, वयोवृद्ध लोगोंसे संग्रहित, उनके अनुभवोंको कल्पना से विषदिकरण कर, तथा उपलब्ध संदर्भोका उपयोग करके लिखी गयी हैं | कुछ लेख संग्रहित भी हो सकते है | वाचको से अनुरोध है की ब्लाग के विषयोंको प्रयोगमे लानेसे पहले अपने अपने घरके रुढि परंपरावोंका विचार जरुर करें |www.ashwathavruksha.blogspot.com
इस ब्लाग का मूल उद्देश्य अपने घराने के धरोहर की सुरक्षितता और बुजुर्गो की रचानावों की महत्ता अपने संबन्धियो को परिचित कराना है | प्रपितामहश्री, पितामहश्री, पिताश्री; उनकी रचनायें; मन्त्र, अष्टक, सुप्रभात, ग्रन्थ, आरती संग्रह, कुलदेवता, कुलस्वामिनि संबन्धित, कुलधर्म, कुलाचार, वंशवृक्ष, नित्य नैमित्यिक विधि, आचरण तथा उनसे सुनी कथांओ को अपने गोत्रस्थ कट्टि /उम्ब्रजकर /उमार्जि परिवारोंको इस ब्लाग के जरिये परिचित करा रहां हुं | गोत्रस्थोको आपनेहि इतिहास अवगत करानेका यह केवल एक प्रयास है | अधिकतर लेखन मेरे वैयक्तिक अभिरुचि के अन्वय लिखित ही रहेगे , कुछ सर्वसामान्य समष्टि के विषय भी रह सकते है |
ब्लाग के अन्तर्गत विषय पर अभ्यासक स्वतः अधिक संशोधन कर सकते हैं | विषय संबंधी संग्रह योग्य माहिती अगर हो , विषय भेद हो तो साधार संपर्क करनेकी कृपा करे. ब्लाग की रचनाओ के शब्द प्रयोगसे या विषय विशेष से किसिको असमाधान होता हो तो क्षमा करे, क्योकि वस्तुतः वह जानबूझकर न किया गया अपराध होगा |
धन्यवाद.
सुधीराचार्य श्रीधराचार्य कट्टि उमरजकर
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