Monday, December 02, 2024

Deva Bhaktabhimani नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी

                  नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी


बहू श्रापिता कष्टला अंबरुषी | तयाचेस्वये श्रीहरी जन्मसोशी || दिला क्षीरसिंधू तया उपमानी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||


धुरू लेकरूं बापुडे दैन्यवाणे | कृपा भाकिता दीधली भेट जेणे || चिरंजीव तारांगणी प्रेमखाणी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||


गजेंद्रू महासंकटी वास पाहे | तयाकारणे श्रीहरी धावताहेउडी घातली जाहला जीवदानी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||


अजामेळ पापी तया अंत आला | कृपाळूपणे तो जनी मुक्त केला || अनाथासि आधार हा चक्रपाणी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||


विधीकारणे जाहला मस्त्य वेगी | धरी कूर्मरुपे धरा पृष्ठभागी || जना रक्षणाकारणे नीचयोनी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||


महाभक्त प्रल्हाद हा कष्टवीला | म्हणोनी तया कारणे सिंव्ह झाला || न ये ज्वाळ विशाल संनीध कोणी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||


कृपा भाकिता जाहला वज्रपाणी | तयाकारणे वामनू चक्रपाणी || द्विजाकारणे भार्गवू चापपाणी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||


अहल्येसतीलागि आरण्यपंथे | कुडावा पुढे देव बंदी तयाते || बळे सोडिता घाव घाली निशाणी | नुपेक्षी कदा राम दासाभिमानी ||


तये द्रौपदीकारणे लागवेगे | त्वरे धावतो सर्व सांडूनि मागे || कळीलागी जाला असे बौद्ध मौनी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||


अनाथा दिना कारणे जन्मताहे | कलंकी पुढे देव होणार आहे || जया वर्णिता शिणली वेदवाणी | नुपेक्षी कदा देव भक्ताभिमानी ||

                               ...सज्जनगड श्री राम दास स्वामी 

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