Friday, September 26, 2025

NAV DURGA AARATI श्री नव दुर्गा आरती

                           श्री नव दुर्गा आरती 

( लुप्त होती जा रही, सुंदर, अनोखी और दुर्लभ 
श्री नवदुर्गा आरती )
पहली देवी शैलपुत्री है 
किये बैल की सवारी
चंद्रमा माथे पर सोहे
सुन्दर रूप मनोहारी
सुन्दर रूप मनोहारी

लिए कमण्डल फूल कमल के
और रुद्राक्षों की माला
हुई दूसरी ब्रह्मचारिणी
करे जगत में उजियाला
करे जगत में उजियाला

पूर्ण चंद्रमाsसी निर्मल
देवि चंद्रघंटा माता की
इनके सुमिरण से निर्बल भी
बैरी पर है जय पाता
बैरी पर है जय पाता

जय जयकार माता की,
आओ शरण भवानी की
एक बार फिर प्रेम से बोलो
जय दुर्गा महारानी की
जय दुर्गा महारानी की

चौथी देवी कूष्मांडा है  
इनकी लीला है न्यारी
अमृत भरा कलश है कर में
किये बाघ की सवारी
किये बाघ की सवारी

कर में कमल सिंघ परसिंहासन
सब का शुभ करने वाली
मंगलमयी स्कन्दमाता है
जग का दुःख हरने वाली
जग का दुःख हरने वाली

मुनि कात्यानी की ये कन्या
है सबकी कत्यायनी माँ
दानवता की शत्रु और
मानवता की सुखदायिनी माँ
मानवता की सुखदायिनी माँ

जय जयकार माता की,
आओ शरण भवानी की
एक बार फिर प्रेम से बोलो
जय दुर्गा महारानी की
जय दुर्गा महारानी की

यही कालरात्रि देवी है 
महाप्रलय ढाने वाली
सब प्राणी को खाने वाली
कल को sभी खाने वाली
कल को sभी खाने वाली

श्वेत बैल है वाहन जिनका
तन पर स्वेताम्बर भाता
यही महागौरी देवी है
सबकी जगदम्बा माता
सबकी जगदम्बा माता

शंख-चक्र और गदा पद्म
कर में धारण करने वाली
यही सिद्धिदात्री माता है
रिद्धि सिद्धि देने वाली
रिद्धि सिद्धि देने वाली

जय जयकार माता की,
आओ शरण भवानी की
एक बार फिर प्रेम से बोलो
जय दुर्गा महारानी की
जय दुर्गा महारानी की

                            ...... अज्ञात 

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