क्रं |
प्रमुख गोत्र |
प्रवरस्य |
प्रवर सं |
वहनः |
001 |
अजः |
विश्वामित्र, मधुच्छंदस, अज |
3 |
|
2 |
विश्वामित्र, आश्मरत्थ्य, वाधुल |
3 |
||
002 |
अष्टक |
विश्वामित्र, मधुच्छंदस, अष्टक |
3 |
|
2 |
विश्वामित्र, अष्टक |
2 |
||
3 |
विश्वामित्र, अष्टक, लौहित |
3 |
||
003 |
अघमर्षण |
विश्वामित्र, अघमर्षण, कौशिक |
3 |
|
004 |
अतिथि |
आत्रेय, आर्चनानस, अतिथि |
3 |
|
005 |
अगस्त्य |
अगस्त्य, दार्ढ्य, अच्युत |
3 |
इध्म वाहेति |
2 |
अगस्त्य, दार्ढ्य, अच्युत |
3 |
सौम वाहेति |
|
3 |
अगस्त्य, दार्ढ्य, अच्युत |
3 |
याज्ञ वाहेति |
|
4 |
अगस्त्य, दार्ढ्य, अच्युत |
3 |
साम वाहेति |
|
5 |
अगस्त्य, दार्ढ्य, अच्युत |
3 |
सांब वाहेति |
|
6 |
अगस्त्य, दार्ढ्य, अच्युत |
3 |
सार वाहेति |
|
006 |
अगस्तार |
अगस्त्य, माहेंद्र, मयोभुव |
3 |
|
007 |
अग्निवेश्य |
आंगिरस, बार्हस्पत्य, भारद्वाज, |
3 |
|
008 |
आश्मरथ्य |
विश्वामित्र, आश्मरत्थ्य, वाधुल |
3 |
|
009 |
आत्मभुव |
आंगिरस, बार्हस्पत्य, भारद्वाज, मांत्रवर, आत्मभुव |
5 |
|
010 |
आत्रेय |
आत्रेय, आर्चनानस, श्यावाश्व |
3 |
|
011 |
आयास्य औशिज |
आंगिरस, आयास्य, औशिज, गौतम, काक्षीवत |
5 |
|
012 |
आत्रेय |
आंगिरस, बार्हस्पत्य, भारद्वाज, शैन्य, गार्ग्य |
5 |
|
013 |
आंगिरस |
आंगिरस, आम्बरिष, हारित |
3 |
|
2 |
आंगिरस, आम्बरिष, यौवनाश्वेति |
3 |
||
014 |
इंद्र कौशिक |
विश्वामित्र, ऐंद्र, कौशिक |
3 |
|
015 |
इध्म वाहन |
अगस्त्य, दाल्भ्यच्युति इध्म वाह |
3 |
इध्म वाहेति |
016 |
दर्भ वाह |
अगस्त्य, दाल्भ्यच्युति, दर्भ वाह |
3 |
दर्भ वाहेति |
017 |
उपमन्यु
(वशिष्ट) |
वाशिष्ट, अभरद्वसव्य, ऐंद्रप्रमद |
3 |
|
018 |
ऋक्ष |
आंगिरस, बार्हस्पत्य, भारद्वाज, वांदन, मातवचस |
5 |
|
2 |
आंगिरस, वांदन, मातवचस |
3 |
||
019 |
औचत्थ्य गौतम |
आंगिरस, औचत्थ्य, गौतम |
3 |
|
2 |
आंगिरस, औचत्थ्य, औशिज |
3 |
||
020 |
औशन |
आंगिरस, गौतम, औशनस |
3 |
|
021 |
औशिज गौतम |
आंगिरस, औशिज, गौतम |
3 |
|
022 |
करेणुपाल |
आंगिरस, गौतम, कारेणुपाल |
3 |
|
023 |
कपि |
आंगिरस, आमहीयव, औरुक्षय |
3 |
|
024 |
शुद्ध कपि |
आंगिरस, आमहीयव, औरुक्षय |
3 |
|
025 |
कण्व |
आंगिरस, अजमिढ, काण्व |
3 |
|
2 |
आंगिरस, घोर, काण्व |
3 |
||
026 |
कत |
विश्वामित्र, कात्या, कील |
3 |
|
027 |
कपोतरेत |
विश्वामित्र, कपोतरेतस |
2 |
|
028 |
कथक |
विश्वामित्र, कथक |
2 |
|
029 |
काश्यप |
काश्यप, आवत्सार, आसीत |
3 |
|
030 |
कात्य |
विश्वामित्र, कात्य, आक्षील |
3 |
|
2 |
साति, सौलिद्वारि, विश्वामित्र |
3 |
||
031 |
काक्षीवत |
आंगिरस, औचत्थ्य, गौतम, औशिज, काक्षीवत |
5 |
|
032 |
कापिभुव |
आंगिरस, तैत्तिरी, कापिभुव |
3 |
|
033 |
कामकायन
विश्वामित्र |
विश्वामित्र, देवश्रवस, दैवतरस |
3 |
|
034 |
कुत्स |
आंगिरस, आम्बरिष, यौवनाश्व |
3 |
|
2 |
मांधात्र, आम्बरिष, यौवनाश्व |
3 |
||
3 |
आंगिरस, मांधात्र, कौत्स |
3 |
||
035 |
कौण्डिन्य |
वाशिष्ट्य, मैत्रावरुण, कौण्डिन्य |
3 |
|
036 |
कौमण्ड |
आंगिरस, औचत्थ्य, काक्षीवत गौतम, कौमण्ड |
5 |
|
037 |
कौशिक
विश्वामित्र |
विश्वामित्र, अघमर्षण, कौशिक |
3 |
|
038 |
कौशिक |
विश्वामित्र, देवरात, औदल |
3 |
|
2 |
विश्वामित्र, अघमर्षण, कौशिक |
3 |
||
039 |
गृत्समद |
भार्गव, गृत्समद |
2 |
|
040 |
गार्ग्य |
आंगिरस, बार्हस्पत्य, भारद्वाज, गार्ग्य, शैन्य |
5 |
|
2 |
आंगिरस, शैन्य, गार्ग्य, |
3 |
||
3 |
भारद्वाज, गार्ग्य, शैन्य, |
3 |
||
041 |
गाविष्टर |
आत्रेय, गाविष्टर, पौर्वतिथ |
3 |
|
आत्रेय, अर्चनानस गाविष्टर |
3 |
|||
042 |
गाथिन |
विश्वामित्र, गाथिन, रैवण |
3 |
|
043 |
गौतम |
आङ्गिरस, आयास्य, गौतम |
3 |
|
044 |
घृत कौशिक |
विश्वामित्र, घृत कौशिक |
2 |
|
045 |
जमदग्नि ( भार्गव) |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान, और्व, जामदग्न्य |
5 |
|
2 |
भार्गव, और्व, जामदग्न्य |
3 |
||
3 |
जामदग्न्य, श्रीवत्स, भार्गव, |
3 |
||
4 |
जामदग्न्य, बिदा, भार्गव, |
3 |
||
5 |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान |
3 |
||
6 |
जामदग्न्य, च्यवन, आप्नवान |
3 |
||
7 |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान, अर्षिषेण, अनूप |
5 |
||
8 |
श्रीवत्स, च्यवन, आप्नवान |
3 |
||
046 |
चातुकर्ण्य |
वासिष्ट, आत्रेय, चातुकर्ण्य |
3 |
|
047 |
दीर्घतमस |
आङ्गिरस, औचथ्य, दैर्घतमस |
3 |
|
2 |
आङ्गिरस, औचथ्य, काक्षीवत गौतम, दैर्घतमस |
5 |
||
048 |
दैवतरस |
विशामित्र, दैवतरस, देवतरस |
3 |
|
049 |
धनञ्जय |
विश्वामित्र, माधुच्छन्दस, धानन्जय |
3 |
|
2 |
आत्रेय, अर्चनानस, धानन्जय |
3 |
||
050 |
नैधृव |
काश्यप, आवत्सार, नैधृव |
3 |
|
051 |
नैमथित |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान, बिजव, नैमथित |
5 |
|
052 |
पराशर |
वाशिष्ट्य, शाक्त्य, पाराशर्य |
3 |
|
053 |
पार्थ |
भार्गव, वैन्य, पार्थ |
3 |
|
054 |
पार्षदश्व |
अष्टादुष्ट, वैरुप्य, पार्षदश्व |
3 |
|
055 |
पुरोधस |
भार्गव, वात्स, पौरोधस |
3 |
|
056 |
पूरण |
विश्वामित्र, देवरात, पौरण |
3 |
|
057 |
पूर्णमास |
अगस्त्य, पौर्णमास, वारण |
3 |
|
058 |
पूतमानास |
वाशिष्ट्य, मैत्रावरुण, उपमन्यु |
3 |
|
2 |
सान्क्य, सान्कृत्य, गौरवेदी |
3 |
||
059 |
पुषदश्व |
आङ्गिरस, पार्षदश्व, वैरुप्य |
3 |
|
060 |
पौरण |
विशामित्र, पौरण |
2 |
|
2 |
अगस्त्य, पौर्णमास, पौरण |
3 |
||
061 |
पौत्रिक |
आत्रेय, वामरथ्य, पौत्रिक |
3 |
|
062 |
पुरुरव |
मानव, एल, पौरुरव |
3 |
|
063 |
पौणिक |
अगस्त्य, पैनायत, पौणिक |
3 |
|
064 |
बादरायण |
आङ्गिरस, विष्णुवृद्ध, बादरायण |
3 |
|
2 |
आङ्गिरस, पौरकुत्स, त्रासदस्यव |
3 |
||
065 |
बिद |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान, और्व, बैद |
5 |
|
2 |
भार्गव, और्व, जामदग्न्य |
3 |
||
3 |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान, |
3 |
||
066 |
बिजावाप |
आत्रेय, अर्चनानस, अतिथेति |
3 |
|
4 |
आत्रेय, अर्चनानस, गाविष्ट्य |
3 |
||
067 |
बृहदुक्थ्य |
आङ्गिरस, बार्हदुक्थ्य, गौतम |
3 |
|
068 |
बैजव |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान, बैजव, नैमतिथ |
5 |
|
069 |
भारद्वाज |
आङ्गिरस, बार्हस्पत्य, भारद्वाज |
3 |
|
070 |
मयोभुव |
अगस्त्य, पौर्णमास, पौरण |
3 |
|
071 |
मानव |
मानव |
1 |
|
072 |
माठर |
भार्गव, शाठर, माठर |
3 |
|
073 |
मित्रयुव |
भार्गव, वार्ध्यश्व, दैवोदास |
3 |
|
074 |
मुद्गल |
आत्रेय, आर्चनानस, पौर्वतिथ |
3 |
|
075 |
मौद्गल्य |
आङ्गिरस, भौर्म्यश्व, मौद्गल्य |
3 |
|
2 |
तार्क्ष्य, भौर्म्यश्व, मौद्गल्य |
3 |
||
076 |
मौङ्गल |
भालन्दन, वात्सप्रि, मौन्गल्य |
3 |
|
077 |
मौन भार्गव |
भार्गव, वीतहव्य, सावेदस |
3 |
|
078 |
यस्क |
भार्गव, वैतहव्य, सावेदस |
3 |
|
079 |
रथीतर |
आङ्गिरस, वैरूप, पार्षदश्व |
3 |
|
2 |
आङ्गिरस, पार्षदश्व, राथितर |
3 |
||
080 |
राहूर्गण |
आङ्गिरस, राहुर्गण, गौतम |
3 |
|
081 |
राघव |
आङ्गिरस, राघवस, गौतम |
3 |
|
082 |
रोहिण |
विश्वामित्र, माधुच्छन्दस, रौहिण |
3 |
|
083 |
रैभ्य |
काश्यप, आवत्सार, रैभ्य |
3 |
|
084 |
रैवण |
विश्वामित्र, गाधिन, रैवण |
3 |
|
085 |
रौत्थक |
विश्वामित्र, रौत्थक, रैवण |
3 |
|
086 |
रौक्षक |
विश्वामित्र, गाथिन, रैवण |
3 |
|
2 |
विश्वामित्र, रौक्षक, रैवण |
3 |
||
087 |
लोहित |
विश्वामित्र, अष्टक, लौहित |
3 |
|
2 |
विश्वामित्र, देवरात |
2 |
||
088 |
लौगाक्षी |
काश्यप, आवत्सार, वाशिष्ट्य |
3 |
|
2 |
वाशिष्ट्य,आवत्सार, काश्यप |
3 |
||
089 |
वशिष्ट |
वाशिष्ट्य, |
1 |
|
2 |
वाशिष्ट्य, मैत्रावरुण, कौण्डिन्य |
3 |
||
3 |
वाशिष्ट्य, इन्द्रप्रमद, अमरध्वस |
3 |
||
090 |
वत्स |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान, वात्स, पौरोधस |
5 |
|
091 |
वामदेव |
आङ्गिरस, वामदेव, गौतम |
3 |
|
2 |
आङ्गिरस, वामदेव, बार्हदुक्थ |
3 |
||
092 |
वाग्भूत |
आत्रेय, अर्चनानस, वाग्भूत |
3 |
|
093 |
वात्सप्रि |
वात्सप्रि |
1 |
|
094 |
वामरथ्य |
आत्रेय, अर्चनानस, अतिथेति |
3 |
|
2 |
आत्रेय, अर्चनानस, गाविष्ट |
3 |
||
095 |
वाद्रश्व |
भार्गव, दैवोदास, वाद्रश्व |
3 |
|
096 |
वाधुल |
यास्य, वाधूल, मौनमोक |
3 |
|
097 |
विश्वामित्र |
विश्वामित्र, देवरात, औदल |
3 |
|
2 |
विश्वामित्र, कौशिक, अघमर्षण |
3 |
||
098 |
विष्णुवृद्ध |
आङ्गिरस, पौरकुत्स, त्रासदस्यव |
3 |
|
099 |
वैणव |
विश्वामित्र, गाथिन, वैणव |
3 |
|
100 |
वैन्य |
वैन्य, भार्गव, पार्थ |
3 |
|
101 |
शठमर्षण |
आङ्गिरस, पौरकुत्स, त्रासदस्यव |
3 |
|
102 |
शाण्डिल्य |
शाण्डिल, असित, दैवल |
3 |
|
2 |
काश्यप, असित, दैवल |
3 |
||
3 |
काश्यप, अवत्सार, असित, |
3 |
||
4 |
काश्यप, अवत्सार, शाण्डिल्य |
3 |
||
5 |
असित, दैवल, काश्यप, |
3 |
||
103 |
लोहिताक्ष /
शालङ्कायन |
विश्वामित्र, शालङ्कायन, कौशिक, |
3 |
|
104 |
शाठर |
भार्गव, शाठर, माठर |
3 |
|
105 |
शारद्वत |
आङ्गिरस, गौतम, शारद्वत |
3 |
|
106 |
शाक्र |
अगस्त्य, हैमवर्च, हैमोदक |
3 |
|
107 |
शुनक |
भार्गव, शौनहोत्र, गार्त्समद |
3 |
|
2 |
शौनक, भार्गव, गार्त्समद |
3 |
||
108 |
श्रीवत्स |
भार्गव, च्यवन, आप्नवान, और्व, श्रीवत्स |
5 |
|
109 |
श्रैत |
श्रैत, वैन्या, पार्थ |
3 |
|
110 |
शौनक |
शौनक |
1 |
|
111 |
शौङ्ग शैशिर |
आङ्गिरस, बार्हस्पत्य, भारद्वाज, कात, अत्कील |
5 |
|
2 |
आङ्गिरस, कात्य, अत्कील |
3 |
||
3 |
आङ्गिरस, बार्हस्पत्य, भारद्वाज, शौङ्ग, शैशिर |
5 |
||
112 |
श्रौमत |
विश्वामित्र, दैवश्रवस, दैतरस |
3 |
|
113 |
सत्यमुग्र |
आङ्गिरस, भार्म्यश्व, मौद्गल्य |
3 |
|
114 |
साहुल |
विश्वामित्र, साहुल, माहुल |
3 |
|
115 |
सुवर्ण रेत |
विश्वामित्र, कापातरस |
2 |
|
116 |
सुमङ्गल |
आत्रेय, सौमङ्गल, श्यावाश्व |
3 |
|
117 |
सोमराजक |
आङ्गिरस, सौमराज्य, गौतम |
3 |
|
118 |
संक्रुति |
आङ्गिरस, सान्कृत्य, गौरुवीत |
3 |
|
2 |
शाक्त्य, गौरुवीत, सान्कृत्य, |
3 |
||
119 |
हारितस |
आङ्गिरस, अंबरीष, यौवनाश्व |
3 |
|
2 |
आङ्गिरस, अंबरीष, मान्धात |
3 |
||
120 |
पिङ्ग |
आङ्गिरस, अंबरीष, यौवनाश्व |
3 |
|
121 |
शङ्ख |
आङ्गिरस, अंबरीष, मान्धात |
3 |
|
122 |
दर्भ |
आङ्गिरस, अंबरीष, यौवनाश्व |
3 |
|
123 |
बैमगव |
आङ्गिरस, अंबरीष, मान्धात |
3 |
|
124 |
हिरण्य रेत |
विश्वामित्र, हिरण्यरेतस |
2 |
|
125 |
हिमोदक |
अगस्त्य, हैमवर्ण, हैमोदक |
3 |
|
126 |
हन्सजिव्हा |
आङ्गिरस, ताव्य, मौद्गल्य |
3 |
|
127 |
नित्युन्दन |
आङ्गिरस,पौरुकुत्स,त्रासदस्य |
3 |
|
128 |
पार्थिव |
भार्गव ,वैन्य,पार्थ्य |
3 |
|
129 | बाभ्रव्य | भार्गव च्य्वन अप्नावनौर | 3 |
130 | -शालाक्ष | वैश्वामित्र , शालंकायन ,कौषिक | 3 | |
|
ಗೋತ್ರ ಪ್ರವರಗಳ ಬಗ್ಗೆ ಇನ್ನೂ ಹೆಚ್ಚಿನ ವಿವರಗಳಿಗಾಗಿ BOOK Gotra Pravarocchar Talika II
उदाहरण - प्रवरोच्चार |
|||||
जामदग्न्य गोत्र = भार्गवच्च्यावनाप्नावनौर्व जामदग्नेति पञ्चप्रवरान्वित जामदग्न्यगोत्रोत्पन्नाहं |
|||||
अगस्त्य गोत्र =
अगस्त्यदार्ढ्यअच्च्युत सांबवाहेति त्रि प्रवरान्वित अगस्त्य गोत्रोत्पन्नाहं |
|||||
वाचकों से निवेदन है की
गोत्र प्रवर वहन के बारेमे अगर आपको अधिक जानकारी है, तो नीचे दिये गये ई
मेल अथवा सैट पर बतानेकी कृपा करे, उल्लिखित गोत्र प्रवर तालिका मे सम्मिलित
किया जायेगा |
E Mail ID : kattiss644@gmail.com OR www.ashwathavruksha.blogspot.com OR Whatsapp
No : +91 8105998585
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