Wednesday, July 11, 2018

*AARATI SATRAANI UDDHANI ( सत्राणि उड्ढाणि )

सत्राणि उड्ढाणि 

सत्राणि उड्ढाणि हुंकार वदनी 
करी ढळ मळ भूमण्डळ सिन्धू जळ गगनि 
कडाडले ब्रह्माण्ड धाके त्रिभुवनी 
सुर नर निशाचर त्या झाला पळणि 
जयदेव जयदेव जै जै हनूमन्त 
तुमचेने प्रसादे न भी कृतान्ता                 
जयदेव जयदेव || १ ||

दुम दुमले पाताळ उठिला पर शब्द 
थर थरला धरणीधर मानिला खेद 
कडाडले पर्वत उडगण उच्छेद 
रामे रामदास शक्तिचा शोध 
जयदेव जयदेव जै जै हनूमन्त 
तुमचेने प्रसादे न भी कृतान्ता 
जयदेव जयदेव || २ ||
|| श्रीमद आंजनेयार्पणमस्तु || 

मदन गोपाल  MADANA GOPALA  KRUSHNA 
तुळजा भवानि आरती  जय अम्बे कुल देवी  NAVA JAYA AMBE
अम्बाभवानि आरती  ( आरति तुज अंबे )  NAVA  ARATI TUJA  AMBE

No comments:

Post a Comment