Monday, December 02, 2024

Aghora kashtodharana Stotram अघोर कष्टोद्धारण स्तोत्रम

अतिशय घोर संकटात खालील पाच श्लोक असलेल्या, श्रीवासुदेवानंद सरस्वती विरचित अघोरकष्टोद्धारण स्तोत्राचा पाठ करतात.

                ||अथ अघोरकष्टोद्धारण स्तोत्रम||


श्री गुरूभ्यो नमः.  हरी: ॐ 

श्रीपाद श्रीवल्लभ त्वं सदैव| 

श्री दत्तास्मान पाहि देवाधीदेव||

भावग्राह्य क्लेशहारिन सुकीर्ते| 

घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते||१


त्वं नो माता त्वं पिताप्तो दिपस्त्वं|

त्रातायोगक्षेमकृसद्गुरुस्त्वम||

त्वं सर्वस्वं नो प्रभो विश्वमूर्ते| 

घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते||२


पापं तापं व्याधीमाधींच दैन्यम| 

भीतिं क्लेशं त्वं हराशुत्व दैन्यम||

त्रातारंनो वीक्ष इशास्त जूर्ते| 

घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते||३


नान्यस्त्राता नापि दाता न भर्ता| 

त्वत्तो देवं त्वं शरण्योकहर्ता|

कुर्वात्रेयानुग्रहं पुर्णराते| 

घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते||४


धर्मेप्रीतिं सन्मतिं देवभक्तिं| 

सत्संगाप्तिं देहि भुक्तिं च मुक्तिं

भावासक्तिंचाखिलानन्दमूर्ते| 

घोरात्कष्टादुद्धरास्मान्नमस्ते||५


श्लोकपंचकमेतद्यो लोकमंगलवर्धनम|

प्रपठेन्नियतो भक्त्या स श्रीदत्तप्रियोभवेत||


||इति श्रीमत्वासुदेवानंदसरस्वतिविरचितं अघोरकष्टोद्धारणस्तोत्रम सम्पूर्णम|| श्री कृष्णार्पणमस्तु 

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